जांजगीर-चांपा. हसौद थाना अंतर्गत मरघट्टी का युवक फर्जी मार्कसीट के सहारे १२ साल से नौकरी कर रहा था। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
हसौद पुलिस के अनुसार चितरंजन प्रसाद पिता धोबी लाल कश्यप (३२) हसौद थाना अंतर्गत मरघट्टी निवासी है। जो २००७ में पीपीएचआर स्कूल में बारहवीं बोर्ड का एग्जाम दिलाया था। बोर्ड परीक्षा में वह एक विषय में फेल हो गया था। इसी दौरान जनपद पंचायत कोरबा में शिक्षाकर्मी के आवेदन निकला। जिसमें उन्होंने अप्लाई किया था। इस दौरान फर्जी अंकसूची व खेल प्रमाण पत्र भी बनवा डाला। फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे उसकी शिक्षाकर्मी वर्ग ३ में नौकरी भी लग गई। वह २० नवंबर २००७ से कोरबा जिला के छिरहूट प्राथमिक शाला में नौकरी करने लगा। तब से आज तक वह नौकरी कर रहा था। फर्जी मार्कसीट के सहारे नौकरी लगने की सूचना किसी ने पुलिस को दी। जिस पर पुलिस ने धारा ४२०, ४६७, ४६८ के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया था। विवेचना के दौरान अंकसूची व खेल प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। चितरंजन के ठिकाने पर पुलिस ने छापा मारा तो चितरंजन नहीं मिला। तब से शिक्षाकर्मी वर्ग ३ चितरंजन फरार चल रहा था। मुखबिर से सूचना के आधार पर पुलिस ने २८ मई को शिक्षाकर्मी वर्ग ३ को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

कई आरोपी आएंगे चपेट में
फर्जी मार्कशीट के मामले में और कई लोग के जुड़े हुए है। जांच के दौरान सब मामले सामने आएंगे। पुलिस का कहना है कि अभी जांच चल रही है। अन्य आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाएगी।

बिना जांचे परखे दे दी नियुक्ति
अभी भी जिले में कई लोग फर्जी मार्कशीट के सहारे नौकरी कर रहे है। जो पुलिस गिरफ्त से बाहर है। अगर इसकी कड़ाई से पालन किया जाए तो कई ऐसे मामले सामने आएंगे। गिरफ्तार शिक्षाकर्मी वर्ग ३ चितरंजन भी फर्जी मार्कसीट से नौकरी लग गया। जिम्मेदार ने फर्जी अंकसूची की ठीक जांच भी नहीं किया। बिना जांचे परखे उसे नियुक्ति दे दी।



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