गूगल की पैरेंटल कंपनी अल्फाबेट इंक के सीईओ सुंदर पिचाई ने हाल ही स्विटजरलैंड के दावोस में world economic foram के एक इंटरव्यू में artificial intelligence के बारे में महत्त्वपूर्ण बातें कहीं। इंटरव्यू में उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में कहा कि एआई मानवता के भले के लिए काम करने वाली सबसे महत्त्वपूर्ण मानवीय तकनीकों में से एक है। पिचाई ने एआइ को आदिमानव द्वारा आग और औद्योगिक क्रांति के दौर में बिजली (इलेक्ट्रिसिटी) के अविष्कार से भी ज्यादा गहरा प्रभाव डालने वाला बताया। गौरतलब है कि अल्फाबेट को एआइ के विकास में काफी जूझना पड़ा है। इसमें उसके कर्मचारियों का अमरीकी सरकार के लिए एआइ तकनीक विकसित करने को लेकर विद्रोह भी शामिल है। वहीं 2018 में एक प्रभावशाली सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के समूह ने सुरक्षा संबंधी तकनीक विकसित करने में जानबूझकर विलंब किया जिससे गूगल अपने प्रतिद्वंद्वी की तुलना में अमरीकी सेना से अनुबंध नहीं कर सका था।

आग की खोज से भी बड़े परिवर्तन लाएगी कृत्रिम बुद्धिमत्ता

सोच-समझकर कदम रख रहा गूगल
गूगल ने हाल ही कुछ एआई तकनीकों का एक सेट जारी किया है जो सैन्य हथियारों को प्रतिबंधित करने का काम करता है। लेकिन गूगल इसे सेना को बेचने से इनकार नहीं करता है। गूगल ने सेना के साथ अपने प्रोजेक्ट मावेन के अनुबंध को भी नवीनीकृत नहीं करने का भरोसा दिलाया है। इस प्रोजेक्ट में ड्रोन फुटेज का विश्लेषण करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जाता है। 2015 से गूगल का नेतृत्व कर रहे पिचाई ने संस्थापक लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन के पद छोडऩे पर हाल ही अल्फाबेट के सीईओ का पदभार संभाला है।

आग की खोज से भी बड़े परिवर्तन लाएगी कृत्रिम बुद्धिमत्ता

जलवायु की तरह है एआइ
दावोस में पिचाई ने कहा कि एआई जलवायु परिवर्तन से अलग मुद्दा नहीं है।आप किसी एक देश या उससे मुकाबला करने वाले कई देशों के समूह में शामिल होने भर से सुरक्षित नहीं हो जाते। इसके लिए आपको वैश्विक ढांचा विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने अमरीका और यूरोपीय संघ का समर्थन करते हुए कहा कि अमरीका और यूरोप में प्रौद्योगिकी को विनियमित करने के लिए वर्तमान रूपरेखा एक शानदार शुरुआत है। उन्होंने अन्य देशों को पेरिस समझौते के अनुरूप अंतर्राष्ट्रीय समझौतों पर एक साथ काम करने की नसीहत भी दे डाली। उन्होंने फेस रिकग्निशन या चेहरा पहचान तकनीक को लेकर भी विचार रखे। पिचाई ने कहा कि इस तकनीक से डश्रने की जरुरत नहीं है और इस जैसी तकनीक का इस्तेमाल अच्छे कामों के लिए भी किया जा सकता है। इसमें लापता लोगों को ढूंढना या बड़े पैमाने पर समाज को नुकसान पहुंचाने वाले 'नकारात्मक तत्त्व' शामिल हैं।

आग की खोज से भी बड़े परिवर्तन लाएगी कृत्रिम बुद्धिमत्ता

डेटा सेफ्टी पर भी बोले
उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग की क्षमता के बारे में भी बात की। पिचाई ने कहा कि उनकी कंपनी कम से कम ग्राहक डेटा का उपयोग करके नई तकनीकों और सेवाओं को विकसित करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ताओं के डेटा को सुरक्षित रखना आज एक बहुत बड़ा जोखिम है। पिचाई ब्रसेल्स से दावोस आते समय रास्ते में रुककर लोगों से आमने-सामने मिले और अपने विचार रखे। यहां उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर अपने दृष्टिकोण का समन्वय करने के लिए नियामकों को भी बुलाया। यूरोपीय संघ कंपनी के साथ एक शुरुआती मसौदे के अनुसार उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य देखभाल और परिवहन में एआई तकनीक विकसित करने वालों के लिए नए नियम लागू करने जा रहा है।

आग की खोज से भी बड़े परिवर्तन लाएगी कृत्रिम बुद्धिमत्ता

from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/30ZanJB
via IFTTT