सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के 14 साल पुराने प्लेटफॉर्म पर हाल ही हैकर्स ने सेंध लगाकर दुनिया के कुछ बेहद प्रभावशाली शख्सियतों के अकाउंट हैक कर लिए। बिटकॉइन से जुड़ी इस सेंधमारी का निशाना बने अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन, अमेजन के जेफ बेजोस, माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स, अमरीकी निवेशक वॉरेन बफेट और टेस्ला कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और स्पेस-एक्स के निदेशक एलोन मस्क सहित कुछ अन्य हाई प्रोफाइल कारोबारियों और राजनेताओं के ट्विटर अकाउंट हैक कर लिए गए थे। ट्विटर ने हैक हुए सभी अकाउंट्स पर किसी भी तरह की पोस्ट करने या पासवड्र्स बदलने की कोशिश को अवरुद्ध कर दिया है और मामले की जांच की मांग की है। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब 33 करोड़ मासिक user और करीब 14.5 करोड़ डेली यूजर वाले इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सेलिब्रिटीज, राजनीतिज्ञों और प्रभावशाली लोगों के अकाउंट हैकर्स का निशाना बने हों। ट्विटर पहले भी डेटा और साइबर सुरक्षा संबंधी चूक कर चुका है। आइए देखें कैसे हाल ही में कुछ प्रमुख हस्तियों के ट्विटर अकाउंट्स को हैक कर लिया गया।
बिटकॉइन स्कैम के तहत साजिश
इस हैकिंग को बिटकॉइन स्कैम कहा जा रहा है। इसकी वजह है कि जो अकाउंट हैक किये गए थे उनके ज़रिये ट्वीट कर लोगों से बिटक्वाइन में दान मांगा गया था। मसलन, माइक्रोसॉफ्ट के सीइओ बिल गेट्स के अकाउंट से ट्वीट किया गया कि हर कोई मुझसे समाज को कुछ वापस लौटाने के लिए कहता रहा है, अब वो समय आ गया। आप मुझे एक हज़ार डॉलर भेजिए, मैं आपको दो हज़ार डॉलर वापस भेजूंगा। कुछ ही देर में हैकरों को सैकड़ों लोगों ने एक लाख डॉलर से अधिक बिटक्वाइन भेज दिए।ऐसा इसलिए संभव हो सके जिन अकाउंट्स को निशाना बनाया गया उन सभी के कई लाख फॉलोअर्स हैं।
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी या एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है। रुपया, डॉलर, पाउंड की तरह यह फिजिकल करेंसी नहीं है। इसे किसी देश की करेंसी की तरह सरकारें नहीं छापतीं। यही वजह है कि इसे वर्चुअल करेंसी कहा जाता है। यह डिजिटल यानी इंटरनेट के ज़रिए इस्तेमाल होने वाली मुद्रा है और इसे पारंपरिक मु्द्रा के विकल्प के तौर पर देखा जाता है। इसे ऑनलाइन प्राप्त किया जाता है। एक्सपीडिया और माइक्रोसॉफ़्ट जैसी कुछ बड़ी कंपनियां बिटक्वाइन में लेन-देन करती हैं। यह एक वर्चुअल टोकन की तरह काम करती है। इसका सबसे ज़्यादा इस्तेमाल निवेश के लिए किया जाता है।
जनवरी-2020: एनएफएल टीमों के अधिकारिक अकाउंट
इस साल की शुरुआत में नेशनल फुटबॉल लीग से जुड़ी दर्जनों फुटबॉल टीमों के अधिकारिक ट्विटर अकाउंट सुपर बॉल प्रतियोगिता से ठीक एक सप्ताह पहले हैक कर लिए गए। ऐसी ही एक टीम ग्रीन बे पैकर्सके अधिकारिक ट्विटर हेंडल से हैकर्स ने ट्वीट कर कहा कि 'हम लोगों को यह दिखाना चाहते हैं कि हर चीज हैक की जा सकती है। ऑवरमाइन हैकर्स समूह ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। ट्विटर ने कहा कि इन टीमों के अकाउंट्स को थर्ड-पार्टी प्लेटफॉर्म के जरिए हैक किया गया था।
अगस्त-2019: टिवटर के निदेशक का ही अकाउंट हो गया
बीते साल अगस्त में 40 लाख फॉलोवर्स वाले ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डॉर्सी (Jack Dorcy) ने अपने अकाउंट से कुछ नस्लीय, अभद्र और आपत्तिजनक ट्वीट्स किए। ट्विटर पर 20 मिनट तक वायरल रहने के बाद पता चला कि दरअसल ये ट्वीट उनका अकाउंट हैक करने वाले हैकर्स की टीम ने किए थे। ट्विटर के प्रवक््रता की ओर से सफाई दी गई कि जिस मोबाइल से डॉर्सी का अकाउंट जुड़ा हुआ था उससे झेड़छाड़ की गई थी। चकलिंग स्क्वायड नाम के हैकर्स समूह ने इसकी जिम्मेदारी ली थी।
जुलाई-2016:
चार साल पहले ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डॉर्सी ने अपने अकाउंट से ट्वीट किया-'तुम्हारी सुरक्षा जांच रहा हूं'। इसे ऑवरमाइन नाम के कुख्यात हैकर्स ग्रुप ने अंजाम दिया था। हालांकि एक घंटे में ही ट्विटर ने इस ट्वीट को हटा दिया लेकिन इसने ट्विटर के कमजोर साइबर सुरक्षाचक्र की पोल खोल दी।
नवंबर-2018: ट्विटर के सपोर्ट ग्रुप पर शोषण हुआ
इस विवाद की जड़ अमरीका से बाहर साइबर हमले करने के लिए विख्यात चीन और खाड़ी देश सऊदी अरब से जुड़े थे। दरअसल, ट्विटर को जानकारी मिली की उनके सपोर्ट फोर्म केसाथ छेड़छाड़ कर हैकर्स ने उपयोगकर्ताओं के फोन में मौजूद उनके देश के अंतरराष्ट्रीय कोड की पहचान उजागर करने की धमकी दी थी। हैकर्स चीन और सऊदी अरब से व्यक्तिगत आइपी एड्रेस हैक कर यूजर की गोपनीय जानकारियां चुरा रहे थे। हैकर्स ने कहा कि वे देश के प्रभावशाली लोगों के अकाउंट्स भी हैक कर सकते हैं।
जून-2016: 32 करोड़ पासवर्ड्स की कालाबाज़ारी
ट्विटर पर इस बड़ा साइबर हमला अब तक नहीं हुआ। जून 2016 में ट्विटर पर मौजूद यूजर्स के करीब 32 करोड़ पासवर्ड्स को साइबर चोरों ने डार्कवेब पर बेचने के लिए डाल दिया। हैकर्स ने इन पासवड्र्स को चुराने के लिए वायरस का इस्तेमाल किया था। हालांकि ट्विटर ने सफाई देते हुए कहा कि उनके अपने सिस्टम से ये डेटा चोरी नहीं हुए हैं।
जनवरी-2015: अमरीकी सेना किया आतंकी संगठन का मैसेज
सीरिया के खतरनाक आइएसआइएस आतंकी समूह के मैसेज जब अमरीकी सेना के अधिकारिक ट्विटर अकाउंट्स से ट्वीट होने लगे तो सभी को अंदाजा हो गया था कि हैकर्स ने आर्मी को भी निशाना बनाने से नहीं छोड़ा। हैकर्स ने अमरीकी सेना की सेंट्रल कमांड के अकाउंट्स से धमकी भरे ट्वीट्स किए और उनके हैडर पर 'आई लव यू आइएसआइएस' लिख दिया था। सेना ने तुरंत अपना अकाउंट ऑफलाइन कर दिया।
दरअसल, इस घटना को सिर्फ हैकर्स की नाकाम कोशिश न मानकर नवंबर होने वाले अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं ट्विटर ने कहा है कि वह अब घटना की जांच में कर्मचारियों के ऑफिस लॉग-इन, ईमेल और फोन records खंगालने की बात कह रहा है। गौरतलब है कि बुधवार को हुए इस साइबर स्कैम में बिटकॉइन वॉलेट्स ने क्रिप्टोकरेंसी में 1.20 लाख के करीब एकत्र किए गए ट्वीट्स के जरिए अपना प्रचार किया था।
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