दुनिया को 5जी नेटवर्क की सौगात कब मिलेगी यह अभी तय नहीं हुआ है लेकिन वैज्ञानिकों ने चांद पर पहला 4जी सैल्यूलर नेटवर्क लगाने की योजना बना ली है। अपनी तरह के इस पहले और अनोखे प्रयास में अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) और फिनलैंड (Finland) की मोबाइल निर्माता कंपनी नोकिया (NOKIA) ने हाथ मिलाया है। दोनों मिलकर चांद पर दुनिया का पहला 4जी नेटवर्क सेट करने की तैयारी कर रहे हैं। दरअसल, नासा अपने अगले चंद्र मिशन (The Artemis program-I, 2021) पर बहुत गंभीरता से काम कर रहा है क्योंकि दिसंबर 1972 के बाद नासा एक बार फिर चांद पर उतरने की तैयारी कर रहा है। इसलिए चंद्रमा की सतह पर अपने एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित रूप से उतारने के लिए वह हर संभव सुरक्षा कवच तैयार कर रहा है। 2023 में चार संभावित अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाने वाले आर्टिमिस II को लंबी अवधि के चंद्र मिशन के तौर पर भी तैयार किया जा रहा है। इसलिए चांद पर बुनियादी ढांचे के लिए नींव रखने की ओर 4जी नेटवर्क उसका पहला कदम है। नासा और नोकिया के प्राकृतिक उपग्रह के पहले सेलुलर नेटवर्क के निर्माण का यह महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट 2022 में शुरू होने की उम्मीद है।

अब चाँद पर भी होगा 4G नेटवर्क, नासा ने नोकिआ संग की तैयारी

टिपिंग प्वॉइंट कार्यक्रम का हिस्सा
नासा ने अंतरिक्ष अभियानों में तेजी जाने और ज्यादा से ज्यादा फंड जुटाने के मकसद से 'टिपिंग प्वॉइंट प्रोग्राम' की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत वे दुनियाभर की महत्वपूर्ण निजी कंपनियों के साथ करार कर साझा अभियान संचालित कर रहे हैं। एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस-एक्स (Space-X) की सफलता इसका परिणाम है। नोकिया को इसी प्रोग्राम के तहत चांद पर दुनिया का पहला 4जी (LTE/4G) सैल्यूलर नेटवर्क स्थापित करने के इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इसके तहत नासा ने नोकिया को 1 अरब रुपए से ज्यादा (14.1 मिलियन) का फंड मुहैया करवाया है।

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तैयारियां पूरी, मिशन का इंतजार
इधर नोकिया की रिसर्च आर्म बेल लैब्स ने भी इस प्रोजेक्ट के लिए निजी अंतरिक्ष कंपनी 'इंट्यूटिव मशीन' के साथ हाथ मिलाया है। नोकिया जल्द ही कंपनी के लूनर लैंडर में एंड-टू-एंड एलटीई सॉल्यूशन फिट करेगी। इसमें एलटीई बेस स्टेशन, उपयोगकर्ता उपकरण और आरएफ एंटीना शामिल होंगे, जो अंतरिक्ष में लॉन्च, लैंडिंग और संचालन की भौतिक मांगों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

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अंतरिक्ष यात्रियों को ये फायदे होंगे
एक बार चांद की सतह पर 4जी (LTE/4G) सैल्यूलर नेटवर्क स्थापित करने के बाद मिशन और अंतरिक्ष यात्रियों को नेटवर्क डेटा ट्रांसमिशन, लूनर रोवर्स के नियंत्रण, रियल टाइम नेविगेशन और हाइ-डेफिनिशन वीडियो की स्ट्रीमिंग के लिए संचार सहायता मिल सकेगी। इतना हील नहीं यह अंतरिक्ष यात्रियों को स्पष्ट आवाज और वीडियो संचार क्षमताओं, टेलीमेट्री और बायोमेट्रिक डेटा ट्रांसमिशन और रोबोट पेलोड पर नियंत्रण भी प्रदान करेगा।



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