नई दिल्ली। Virgin Group Hyperloop: कई बार हमें अपने गंतव्य तक पहुंचने की जल्दी होती है परंतु एक स्थान से दूसरे स्थान के मध्य की लंबी दूरी के कारण घंटों लग जाते हैं। जिससे काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। लेकिन अब एक ऐसी तकनीक विकसित हो गई है जिससे हम कई हजारों किलोमीटर की दूरी को बहुत ही कम समय में तय कर पाएंगे।

और यह संभव हो पाएगा वर्जिन ग्रुप की हाइपरलूप तकनीक के द्वारा। जिसका पिछले कुछ वर्षों से विकास कार्य किया जा रहा था।आपको बता दें कि हाइपरलूप एक कैप्सूल की तरह दिखने वाली ट्रेन है जो कि चुंबकीय शक्ति पर आधारित है। यह हाइपरलूप ट्रेन 1000 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार पर चलकर यात्रियों को शीघ्र ही उनके गंतव्य तक पहुंचाने में सक्षम होगी। अगर इस तकनीक को सफलता हासिल होती है तो विश्व भर में सार्वजनिक परिवहन में एक बेहतरीन बदलाव आ सकता है।

सामान्यतः ट्रेन द्वारा दिल्ली से मुंबई जाने में लगभग 15 घंटे 40 मिनट का समय लगता है। परंतु मार्ग अनुमानकों का कहना है कि हाइपरलूप ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज है कि दिल्ली से मुंबई महज एक घंटे 22 मिनट में पहुंचा जा सकता है।

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आपातकाल की हालत में इस ट्यूब जैसी दिखने वाली आकृति की ट्रेन में हर 75 मीटर की दूरी यात्रियों के लिए आपातकाल निकास द्वार भी है। खास बात यह है कि कम प्रदूषण फैलाने के कारण पर्यावरण के लिए भी यह तकनीक काफी अच्छी है।

गौरतलब है कि इस परियोजना पर काम शुरू करने के लिए निजी कंपनी 'वर्जिन हाइपरलूप वन' ने कर्नाटक सरकार के साथ सहमति अनुबोधन पर हस्ताक्षर भी किए हैं। बेंगलुरु में इस परियोजना के तहत यह कंपनी हाइपरलूप नेटवर्क के विकास द्वारा हवाई अड्डे को शहर इलाकों से जोड़ेगी। एक बार निर्माण कार्य खत्म हो जाता है तो इस ट्रेन द्वारा यात्रा करने के लिए यात्री हाइपरलूप पोर्टल पर टिकट बुक करा सकते हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि सर्वप्रथम मानव परीक्षण हाइपरलूप द्वारा अमेरिका के लास वेगास में किया गया था। तथा यह परीक्षण सफल भी रहा।

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