नई दिल्ली। 5G टेक्नोलॉजी वर्तमान समय में दुनिया की सबसे तेज़ मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी है। दुनिया के कुछ देशों में 5G टेक्नोलॉजी उपलब्ध हो चुकी है। भारत में भी इस तेज़ स्पीड वाली मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी का इंतज़ार है। पर अब लगता है कि भारत में 5G टेक्नोलॉजी के लिए लोगों को और इंतज़ार करना पड़ सकता है।

करना पड़ सकता है अगले साल अक्टूबर तक इंतज़ार

एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार भारत में ट्रायल की पूरी प्रोसेस के बाद 5G मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी के ऑफिशियल रोल-आउट के लिए लोगों को अक्टूबर 2022 तक इंतज़ार करना पड़ सकता है।
हालांकि अगर टेलीकॉम कंपनियां ट्रायल की प्रोसेस जल्दी पूरी करती है तो 5G का ऑफिशियल रोल-आउट अक्टूबर से कुछ पहले भी हो सकता है।

5G का इंतज़ार लंबा होने का कारण

भारत में 5G मोबाइल नेटवर्क का इंतजार लंबा होने का कारण है देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनियों भारती एयरटेल (Bharti Airtel), रिलायंस जियो (Reliance Jio) और वोडाफोन-आइडिया (Vodafone-Idea) द्वारा दूरसंचार विभाग (DoT) से 5G ट्रायल के लिए मांगा गया एक्स्ट्रा समय। इन सभी कंपनियों ने 5G ट्रायल के लिए एक्स्ट्रा 6 महीने का समय मांगा है। इससे पहले 5G ट्रायल की समय-सीमा इस साल नवंबर में समाप्त हो रही है।

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केंद्र सरकार कर चुकी है स्पेक्ट्रम आवंटित

केंद्र सरकार इस साल मई में देश के अलग-अलग हिस्सों में 5G के ट्रायल के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 700 मेगाहर्ट्ज बैंड, 3.3-3.6 गीगाहर्ट्ज़ बैंड और 24.25-28.5 गीगाहर्ट्ज़ बैंड के स्पेक्ट्रम आवंटित कर चुकी है।



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