छत्तीसगड़ में बीते 1 नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है. धान खरीदी शुरू हुए करीब 1 माह पूरे होने को है, लेकिन धान खरीदी केंद्रों में आवक अब भी अपेक्षाकृत कम दिखाई दे रही है, जिसके लिए राजनीतिक दल कांग्रेस के घोषणा पत्र को प्रमुख कारण माना जा रहा है. इस बीच पूरे मामले का फायदा धान कोचिए (बिचौलिए) उठाने में जुट गए हैं. ग्रामीण इलाके के मंझोले किसानों से संपर्क कर उनके धानों को कम दाम में खरीद रहे हैं. कई किसान भी चुनाव के बाद कांग्रेस द्वारा की गई कर्ज माफी का लाभ उठाने के लिए अपनी फसलों को कुछ कम दामों पर बेच देते हैं, जिसके बाद ये कोचिए ऐसे किसान से संपर्क करते हैं जो धान की फसल नहीं ले पाते हैं या जिस किसान के खेत से फसल कम आती है. अब जिला प्रशासन ने टीम गठित कर दिया है, जिसके तहत कड़ी निगरानी की जा रही है.

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