वॉयस असिस्टेंट (voice assitant) के जरिए घर-घर में मौजूद दुनिया की तीन दिग्गज प्रतिद्वंद्वी स्मार्ट-होम सेवा (smart home services) प्रदाता कंपनियां पहली बार एक साथ एक खास 'जिगबी एलायंस' पर काम कर रहे हैं। यह उन्हें एक ऐसा प्रोटोकॉल प्रदान करेगा जो इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (iOT) के लिए मानकों को और एडवांस कर देगा। इन तीनों के अलावा इस एलायंस में अन्य कंपनियां भी शामिल हैं। सभी एक ऐसा स्टैंडर्ड सिस्टम बनाने पर राजी हैं जो उनके उत्पादों को एक-दूसरे के साथ काम करने की सुविधा देंगे।

गूगल (google) के नेस्ट यूनिट के इंजीनियर निक साठे का कहना है कि घरों में स्मार्ट-स्पीकर (smart speakers) और होम ऐप के लिए व्यापक कनेक्टिविटी स्टैंडर्ड की कमी लोगों को भ्रमित करती है। लोग अलग-अलग कंपनियों को अलग-अलग कमांड से ऑपरेट करने में परेशान होते रहते हैं। क्योंकि हर स्मार्ट उपकरण घर के इको-सिस्टम के हिसाब से नहीं चलते।

स्मार्ट होम डिवाइसेज के लिए सिर्फ एक भाषा इस्तेमाल करना चाहती हैं टेक कंपनियां

2021 तक होगा तैयार
एपल (apple) का कहना है कि परियोजना एक साझा कोशिश है ताकि स्मार्ट होम डिवाइस सुरक्षित और विश्वसनीय हों। हालांकि यह कदम गोपनीयता और सुरक्षा संबंधी सवाल भी उठाता है। यह गठबंधन 2021 के अंत तक नया संयुक्त प्रोटोकॉल तैयार करने का लक्ष्य बना रहा है। हालांकि यह कदम गोपनीयता और सुरक्षा संबंधी सवाल भी उठाता है। सालों से अमेजन (amazon) और गूगल अपने स्मार्ट डिवरइसों की मदद से यूजर डेटा एकत्र करते आ रहे हैं। इसलिए एक ही घर में अलग-अलग कंपनियों के एक से अधिक स्मार्ट उपकरणों का एक साथ उपयोग व्यक्तिगत डेटा को ज्यादा से ज्यादा कंपनियों के साथ शेयर किए जाने की आशंका को भी बढ़ा देता है। अमेजन और गूगल से पिछडऩे के बाद अब एपल भी अपने स्मार्ट होम प्रयासों को रिबूट कर रहा है। कंपनी की एक नई टीम हाल ही विकसित एक नए सॉफ्टवेयर की मदद से नए डिवाइस विकसित कर रहा है

स्मार्ट होम डिवाइसेज के लिए सिर्फ एक भाषा इस्तेमाल करना चाहती हैं टेक कंपनियां

आज घरों में ऐसे स्मार्ट-स्पीकर और होम ऐप की भरमार हैं जिन्हें केवल अपनी आवाज या रिमोट यहां तक की अपने स्मार्टफोन से भी कंट्रोल किया जा सकता है। इनमें थर्मोस्टेट्स, एसी, लाइट्स, रेफ्रिजरेटर तक शामिल हैं। लेकिन व्यापक कनेक्टिविटी स्टैंडर्ड की कमी लोगों को भ्रमित करती है। लोग अलग-अलग कंपनियों को अलग-अलग कमांड से ऑपरेट करने में परेशान होते रहते हैं। क्योंकि हर स्मार्ट उपकरण घर के इको-सिस्टम के हिसाब से नहीं चलते। यह इनके निर्माताओं पर भी ग्राहक की अपेक्षाओं का दबाव बढ़ाता है कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि सभी डिवाइस एक-दूसरे संग बेहतर संयोजन के साथ काम करें। अमेजन और गूगल इस संबंध में पहले ही अपने सिस्टम को अपडेट कर चुके हैं जिससे उनके डिवाइस थर्ड-पार्टी उपकरण को स्मार्ट-स्पीकर्स से कनेक्ट करने में सक्षम हैं।

स्मार्ट होम डिवाइसेज के लिए सिर्फ एक भाषा इस्तेमाल करना चाहती हैं टेक कंपनियां

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