यूजर्स को फेक एसएमएस भेजने के मामले में टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने टेलिकॉम कंपनियों पर संयुक्त रूप से 35 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। जिन टेलिकॉम कंपनियों पर जुर्माना लगाया गया है, उनमें बीएसएनएल, एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन-आइडिया, एमटीएनएल, विडियोकॉन, टाटा टेलिसर्विसेस और क्वॉर्डरंट टेलिसर्विस शामिल हैं। इन टेलिकॉम कंपनियों पर साइबर क्रिमिनल्स को डिजिटल पेमेंट यूजर्स को फेक एसएमएस भेजने की इजाजत देने का आरोप है।

सबसे ज्यादा जुर्माना बीएसएनएल पर
फेक एसएमएस के मामले में TRAI ने सबसे ज्यादा जुर्माना टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल पर लगाया है। ट्राई ने बीएसएनएल पर 30.1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। बीएसएनएल ने परफॉर्मेंस मॉनिटरिंग रिपोर्ट भी नहीं दिखाई। ट्राई के इस कदम का फायदा पेटीएम जैसी डिजिटल पेमेंट कंपनियों को होगा।

अन्य कंपनियों पर लगा इतना जुर्माना
बीएसएनएल के बाद सबसे ज्यादा जुर्माना वोडाफोन-आइडिया पर लगाया गया है। वोडाफोन—आइडिया पर 1.82 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा है। वहीं क्वॉर्डरंट टेलिसर्विस पर 1.41 करोड़ रुपए और 1.33 करोड़ रुपए का जुर्माना एयरटेल पर लगाया गया है। अन्य टेलिकॉम कंपनियों पर भी जुर्माना किया गया है।

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मैसेज ठीक तरीके से मॉनिटर नहीं किए गए
ट्राई का मानना है कि इन टेलिकॉम कंपनियों ने अपने नेटवर्क से जा रहे तरह-तरह के मैसेज को ठीक तरीके से मॉनिटर नहीं किया। इसी वजह से यूजर्स को फेक मैसेजेज और कॉल्स जाते रहे और यूजर्स को परेशानी हुई। साथ ही उनका कहना है कि फेक मैसेज चलाने वाले ऑपरेटर लाखों ग्राहकों को ठग रहे हैं।

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वहीं पेटीएम ने एडवोकेट करुणा नंदी के जरिए जो याचिका दाखिल की थी, उसमें कहा गया था कि मोबाइल नेटवर्क पर उसके लाखों ग्राहकों को ठगा जा रहा है। इसे रोकने में टेलीकॉम कंपनियों की नाकामी के कारण उसे वित्तीय और साख नुकसान हो रहा है। साथ ही उन्होंने टेलीकॉम कंपनियों से 100 करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग की है।



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