कोरोना की वजह से ऑनलाइन शॉपिंग में काफी इजाफा हुआ है। लोग बाजार में जाकर शॉपिंग करने के बजाय ई—कॉमर्स कंपनियों से ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं। इस बार दिवाली के फेस्टिव सीजन में तो ई—कॉमर्स वेबसाइट्स पर बिक्री के रिकॉर्ड टूट गए। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इन ई—कॉमर्स कंपनियों के कई सेलर्स तो दो—तीन दिन में ही करोड़पति बन गए। लेकिन इन कंपनियों पर व्यापार करने के लिए बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगा है।

लगाया 25 हजार का जुर्माना
व्यापार के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में उपभोक्ता मामलोंं के मंत्रालय ने 25 हजार रुपए का मामूली जुर्माना भी लगाया है। यह जुर्माना इसलिए लगाया गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म में बेच रहे उत्पादों का निर्माण देश यानी कंट्री ऑफ ऑरिजिन (Country of Origin) का ब्यौरा नहीं दिया था। वहीं व्यापारिक संगठन कैट (Confederation of All India Traders) ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) पर 7 दिनों की पाबंदी लगाने की मांग की है।

जुर्माना नुकसान के हिसाब से लगे
व्यापारिक संगठन कैट का कहना है कि इन कंपनियों पर लगाया गया जुर्माना बहुत कम है। जुर्माना अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान के हिसाब से लगाया जाना चाहिए। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इतना मामूली जुर्माना लगाया जाना न्यायिक और प्रशासन का मजाक उड़ाना भर है। ऐसे में कैट ने अमेजन पर 7 दिन का प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है।

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सरकार तय प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाए
कैट ने मांग की है कि पहली गलती किए जाने पर 7 दिन और दूसरी बार गलती किए जाने पर 15 दिन का प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। साथ ही संगठन का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने पर इन कंपनियों के खिलाफ केन्द्र सरकार को तय प्रावधानों के हिसाब से जुर्माना लगाना चाहिए।

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जुर्माने की राशि बहुत कम
कैट का कहना है कि 25 हजार रुपए की जुर्माना राशि इन ई—कॉमर्स कंपनियों के लिए बहुत कम है। यह इन कंपनियों के साथ समझौता करने जैसा है। कैट का कहना है कि अगर जुर्माने की राशि या सजा का प्रावधान सख्त होगा तभी ये कंपनियां नियमों का उल्लंघन करने से पहले कई बार सोचेंगी।



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