आजकल मार्केट में जो एंड्रॉड स्मार्टफोन आ रहे हैं, वे लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम और लेटेस्ट फीचर्स से लैस होते हैं। हालांकि अब भी बहुत सारे लोग पुराने एंड्रॉयड स्मार्टफोन ही काम में ले रहे हैं। ऐसे में उन्हें अगले साल यानि 2021 में इन पुराने एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में इंटरनेट चलाने में परेषानी का सामना करना पड़ सकता है। पिछले दिनों एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ। रिपोर्ट में बताया गया था कि 2021 से पुराने एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में वेब ब्राउजिंग नहीं कर पाएंगे।

इन स्मार्टफोन्स में आ सकती है परेशानी
पुराने एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स पर अगले वर्ष से सिक्योर वेबसाइट्स एक्सेस नहीं हो पाएंगी। 7.1.1 nougat या इससे पुराने एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर सिक्योर वेबसाइट्स को सर्च करने पर सर्टिफिकेशन्स एरर का मैसेज मिलेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुराने एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले स्मार्टफोन पर कई तरह की जरूरी वेबसाइट को एक सितंबर 2021 के बाद खोला नही जा सकेगा।

खत्म हो रही पार्टनरशिप
बता दें कि Let’s Encrypt ने ऐलान किया है कि प्रमाणन प्राधिकरण IdenTrust के साथ कंपनी की साझेदारी 1 सितंबर 2021 से समाप्त हो रही है। साथ ही इस पार्टनरशिप को रिन्यू करने का फिलहाल कोई प्लान भी नहीं है। ऐसे में सितंबर 2021 से यह पार्टनरशिप खत्म होने के बाद सिक्योर वेबसाइट को एक्सेस नही किया जा सकेगा।

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ऐसे बच सकते हैं इस समस्या से
अगर आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो या तो आप अपना स्मार्टफोन बदलकर लेटेस्ट वर्जन ले लें। या फिर आप अपने पुराने एंड्रॉयड स्मार्टफोन को अपग्रेड कर लें। इसके अलावा एक और विकल्प है। आप अपने फोन में Firefox ब्राउजर का इस्तेमाल कर लें। बता दें कि Firefox उन चुनिंदा ब्राउजर में से है, जिसके पास अपनी खुद की ट्रस्टेड सर्टिफिकेशन रूट मौजूद है। ऐसे में इसका लेटेस्ट वर्जन इंस्टॉल करें।

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वर्ष 2016 से सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं हुआ जारी
बता दें कि Lets Encrypt दुनिया की लीडिंग सर्टिफिकेट अथॉरिटी है। यह करीब 30 फीसदी वेब डोमेन को सर्टिफिकेशन जारी करता है। वहीं वर्ष 2016 के बाद से इसकी तरफ से कोई सॉफ्टवेयर अपडेट जारी नही किया गया है। बता दें कि दुनियाभर में करीब 66.2 फीसदी एंड्रॉयड डिवाइस पुराने एंड्राइड वर्जन 7.1 और उससे अपग्रेड वर्जन के ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं। जबकि 33.8 फीसदी एंड्रॉयड डिवाइस अभी भी 7.1 और उससे कम वर्जन वाले ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं। ऐसे में ये 33.8 फीसदी यूजर सितंबर 2021 के बाद सिक्योर वेबसाइट्स एक्सेस नही कर पाएंगे।



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